पहली बार होम लोन लेने वाले जान लें ये 5 बातें, कभी नहीं खाएंगे मार Home loan

By Meera Sharma

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Home loan: आज के समय में अपना घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है लेकिन महंगाई के कारण यह सपना पूरा करना आसान नहीं है। इसी वजह से अधिकांश लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। होम लोन मिलना आसान है लेकिन इसे चुकाना उतना ही कठिन हो सकता है अगर सही योजना न बनाई जाए। होम लोन एक दीर्घकालिक वित्तीय प्रतिबद्धता है जो 15 से 30 साल तक चल सकती है। इसलिए इस महत्वपूर्ण निर्णय को लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।

पहली बार होम लोन लेने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इस प्रक्रिया में कई छुपी हुई शर्तें और नियम होते हैं। गलत फैसला लेने पर आप लंबे समय तक आर्थिक बोझ तले दब सकते हैं। सही जानकारी और तैयारी के साथ होम लोन लेना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको वे सभी महत्वपूर्ण बातें बताएंगे जो होम लोन लेने से पहले जानना जरूरी है।

सिबिल स्कोर की महत्वता और सुधार के तरीके

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होम लोन लेने की प्रक्रिया में सिबिल स्कोर सबसे महत्वपूर्ण कारक है जो आपकी ऋण योग्यता को दर्शाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और 750 से अधिक स्कोर को अच्छा माना जाता है। बैंक इस स्कोर के आधार पर आपकी वित्तीय विश्वसनीयता का आकलन करते हैं। अगर आपका सिबिल स्कोर कम है तो आपका लोन आवेदन अस्वीकार हो सकता है या फिर आपको अधिक ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।

सिबिल स्कोर सुधारने के लिए सबसे पहले अपने सभी पुराने कर्जों का समय पर भुगतान करें। क्रेडिट कार्ड का बिल और अन्य ईएमआई की देरी से आपका स्कोर खराब होता है। अपनी क्रेडिट लिमिट का 30 प्रतिशत से अधिक उपयोग न करें और एक साथ कई लोन के लिए आवेदन न करें। सिबिल स्कोर सुधारने में समय लगता है इसलिए होम लोन लेने से कम से कम 6 महीने पहले इस पर काम शुरू कर दें।

आय के अनुपात में लोन राशि का निर्धारण

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होम लोन लेते समय सबसे बड़ी गलती यह होती है कि लोग अपनी वित्तीय क्षमता से अधिक लोन लेते हैं। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार आपकी मासिक ईएमआई आपकी कुल मासिक आय के 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे अधिक ईएमआई आपके अन्य जरूरी खर्चों को प्रभावित कर सकती है। अपनी आय, बचत, और मासिक खर्चों का सही आकलन करके ही लोन राशि तय करें।

होम लोन लेने से पहले एक विस्तृत बजट बनाएं जिसमें आपके सभी मासिक खर्च शामिल हों। इसमें खाना, कपड़े, बच्चों की शिक्षा, दवाई, और आपातकालीन फंड भी शामिल करें। इसके बाद जो राशि बचती है उसका 60-70 प्रतिशत हिस्सा ही ईएमआई के लिए रखें। यह सुनिश्चित करेगा कि आप बिना किसी आर्थिक परेशानी के अपनी ईएमआई का भुगतान कर सकें।

डाउन पेमेंट की रणनीति और फायदे

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डाउन पेमेंट होम लोन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो संपत्ति की कुल लागत का 10 से 20 प्रतिशत तक हो सकता है। अधिक डाउन पेमेंट करने से आपकी लोन राशि कम हो जाती है जिससे मासिक ईएमआई और कुल ब्याज की राशि दोनों कम हो जाती है। यदि आप संपत्ति की लागत का 20 प्रतिशत या इससे अधिक डाउन पेमेंट कर सकते हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा।

डाउन पेमेंट के लिए पहले से ही बचत करना शुरू कर दें और इसके लिए अलग से फंड बनाएं। यह पैसा आपकी आपातकालीन बचत से अलग होना चाहिए। कुछ बैंक कम डाउन पेमेंट पर भी लोन देते हैं लेकिन इससे आपकी ईएमआई बढ़ जाती है। डाउन पेमेंट के अलावा रजिस्ट्रेशन फीस, स्टाम्प ड्यूटी, लीगल चार्जेस, और अन्य खर्चों के लिए भी अतिरिक्त राशि रखें।

विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना

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होम लोन लेते समय केवल पहले मिलने वाले ऑफर को स्वीकार न करें बल्कि विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरों की तुलना करें। ब्याज दर में केवल 0.5 प्रतिशत का अंतर भी लंबी अवधि में लाखों रुपये की बचत कर सकता है। सरकारी बैंक, निजी बैंक, और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के ऑफर की तुलना करें। ब्याज दर के साथ-साथ प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्जेस, और अन्य शुल्कों को भी देखें।

फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दर के बीच भी चुनाव करना होगा। फिक्स्ड रेट में पूरी अवधि के दौरान ब्याज दर समान रहती है जबकि फ्लोटिंग रेट बाजार की स्थिति के अनुसार बदलती रहती है। वर्तमान में अधिकांश लोग फ्लोटिंग रेट को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह आमतौर पर कम होती है। विभिन्न ऑनलाइन टूल्स का उपयोग करके अलग-अलग बैंकों के ऑफर की तुलना कर सकते हैं।

छुपी हुई शर्तों और अतिरिक्त शुल्कों की जांच

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होम लोन लेते समय केवल ब्याज दर पर ध्यान न दें बल्कि सभी छुपे हुए शुल्कों और शर्तों को भी समझें। प्रोसेसिंग फीस, एडमिनिस्ट्रेशन चार्जेस, वैल्यूएशन फीस, लीगल चार्जेस जैसे कई अतिरिक्त शुल्क होते हैं जो कुल लागत को बढ़ा देते हैं। प्री-पेमेंट पेनाल्टी की शर्तों को भी ध्यान से पढ़ें क्योंकि भविष्य में यदि आप लोन को जल्दी बंद करना चाहें तो इसका प्रभाव होगा।

लोन एग्रीमेंट में दी गई सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समझें। यदि कोई शर्त समझ में न आए तो बैंक के अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगें। देर से भुगतान की स्थिति में लगने वाले पेनाल्टी चार्जेस के बारे में भी जानकारी लें। कुछ बैंक लोन टू वैल्यू रेशियो के आधार पर अलग-अलग ब्याज दर चार्ज करते हैं। इंश्योरेंस की आवश्यकता और इसकी लागत के बारे में भी पूछें।

भविष्य की योजना और सुझाव

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होम लोन लेने के बाद नियमित रूप से अपनी वित्तीय स्थिति की समीक्षा करते रहें और यदि आपकी आय बढ़े तो अतिरिक्त भुगतान करने पर विचार करें। इससे आप जल्दी लोन से मुक्त हो सकते हैं और ब्याज की बचत भी कर सकते हैं। टैक्स बेनिफिट का भी पूरा फायदा उठाएं क्योंकि होम लोन पर मिलने वाली कटौती से आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है।

समय-समय पर अपने लोन को रिफाइनेंस करने की संभावना भी देखते रहें। यदि बाजार में ब्याज दरें कम हो जाएं तो दूसरे बैंक से कम दर पर लोन ट्रांसफर करवा सकते हैं। होम लोन एक लंबी यात्रा है इसलिए धैर्य रखें और अपनी वित्तीय अनुशासन बनाए रखें।

Disclaimer

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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। होम लोन लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना आवश्यक है। ब्याज दरें और शर्तें समय-समय पर बदलती रहती हैं, इसलिए वर्तमान दरों की जानकारी के लिए संबंधित बैंक से संपर्क करें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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