Indian Currency Notes: देश में समय-समय पर 10 और 20 रुपये के नोट और सिक्कों के बंद होने की अफवाहें फैलती रहती हैं जिससे आम जनता में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। इन अफवाहों को लेकर जब लोकसभा में सवाल उठाया गया तो सरकार ने इस मामले पर स्पष्टता प्रदान की है। वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 10 और 20 रुपये के नोट और सिक्के अभी भी पूरी तरह से वैध हैं और इनका उत्पादन जारी है। यह जानकारी उन सभी भ्रामक समाचारों को खारिज करती है जो समय-समय पर इन मुद्राओं के बंद होने के बारे में फैलाए जाते हैं।
सरकार की इस स्पष्ट घोषणा से यह साबित होता है कि भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय इन छोटी मुद्राओं की आवश्यकता और महत्व को समझते हैं। आम लोगों के दैनिक लेन-देन में इन नोटों और सिक्कों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए सरकार ने स्पष्ट रूप से बताया है कि इन मुद्राओं को बंद करने की कोई योजना नहीं है और ये आगे भी चलन में रहेंगी।
10 रुपये के नोट और सिक्कों की वर्तमान स्थिति
वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक देश में 2,52,886 लाख 10 रुपये के नोट प्रचलन में थे। इन नोटों का कुल मूल्य 25,289 करोड़ रुपये है जो एक बहुत बड़ी राशि है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि 10 रुपये के नोटों की मांग और उपयोग दोनों बहुत अधिक है। इसके अतिरिक्त 79,502 लाख 10 रुपये के सिक्के भी बाजार में उपलब्ध हैं जिनकी कुल कीमत 7,950 करोड़ रुपये है।
ये आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि 10 रुपये की मुद्रा का व्यापक उपयोग हो रहा है और सरकार इसकी आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और आम लोगों के लिए ये नोट और सिक्के अत्यंत उपयोगी हैं। दैनिक खरीदारी में इनकी आवश्यकता हमेशा बनी रहती है इसलिए सरकार इनका उत्पादन जारी रखे हुए है।
20 रुपये के नोटों का निरंतर उत्पादन
20 रुपये के नोटों को लेकर भी बाजार में कई भ्रामक खबरें फैली हुई थीं कि इनका उत्पादन बंद कर दिया गया है। लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस भ्रम को भी दूर करते हुए स्पष्ट रूप से बताया है कि 20 रुपये के नोटों का उत्पादन अभी भी जारी है। यह नोट भारतीय मुद्रा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी उपयोगिता को देखते हुए इसे बंद करने का कोई कारण नहीं है। बाजार में यदि ये नोट कम दिखाई दे रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि इनका उत्पादन बंद हो गया है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि मुद्रा की आपूर्ति बाजार की मांग के अनुसार की जाती है। यदि किसी विशेष मूल्य के नोट या सिक्के की मांग कम दिखती है तो उसका उत्पादन भी कम हो सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह बंद हो गया है। 20 रुपये के नोट अभी भी वैध हैं और इनका उपयोग कहीं भी किया जा सकता है।
2020 में जारी हुए 20 रुपये के नए सिक्के
भारत सरकार ने 2020 में पहली बार 20 रुपये का सिक्का जारी किया था जो एक ऐतिहासिक कदम था। इस सिक्के की खासियत यह है कि इसमें 12 किनारे हैं और इस पर अनाज की आकृति बनी हुई है। यह डिजाइन भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था को दर्शाने के लिए विशेष रूप से बनाया गया था। इसके साथ ही 1, 2, 5 और 10 रुपये के नए सिक्के भी जारी किए गए थे जो सभी गोलाकार हैं।
इन नए सिक्कों की विशेषता यह है कि इन पर मूल्य हिंदी भाषा में भी स्पष्ट रूप से लिखा गया है। यह भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम था। 20 रुपये के सिक्के का वजन 8.54 ग्राम और व्यास 27 मिमी रखा गया है। इसकी बाहरी रिंग निकेल सिल्वर की बनी है जबकि भीतरी भाग निकेल ब्रास का है।
सिक्के की डिजाइन और विशेषताएं
नए 20 रुपये के सिक्के की डिजाइन में भारतीय संस्कृति और पहचान को दर्शाने का विशेष प्रयास किया गया है। सिक्के के अग्रभाग पर अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष अंकित है जो भारतीय गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक है। इसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा गया है जो उपनिषद से लिया गया भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। सिक्के की बाईं ओर हिंदी में ‘भारत’ लिखा है जबकि दाईं ओर अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखा गया है।
यह द्विभाषी अंकन भारत की भाषाई विविधता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि देश के सभी नागरिक इसे आसानी से पहचान सकें। सिक्के की यह डिजाइन न केवल सुंदर है बल्कि व्यावहारिक दृष्टि से भी उपयोगी है। इसकी विशिष्ट आकृति इसे अन्य सिक्कों से अलग पहचान दिलाती है जिससे लेन-देन में सुविधा होती है।
भविष्य की योजना और मुद्रा नीति
सरकार की मुद्रा नीति यह दर्शाती है कि छोटे मूल्य के नोट और सिक्के भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक हैं। डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन के बावजूद भी नकद लेन-देन की आवश्यकता बनी हुई है विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे व्यापार में। इसलिए सरकार इन मुद्राओं का उत्पादन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भविष्य में भी ये मुद्राएं भारतीय वित्तीय प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बनी रहेंगी।
सरकार समय-समय पर मुद्रा की मांग और आपूर्ति का आकलन करती रहती है और आवश्यकता के अनुसार उत्पादन को बढ़ाया या घटाया जाता है। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो आर्थिक जरूरतों पर आधारित होती है। लोगों को इन अफवाहों पर ध्यान न देकर सरकारी घोषणाओं पर भरोसा करना चाहिए।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। मुद्रा संबंधी नवीनतम जानकारी के लिए कृपया भारतीय रिजर्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट देखें या स्थानीय बैंक से संपर्क करें। सरकारी नीतियों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं।