Gold Rate: इस साल सोने की कीमतों में जो उछाल देखा गया है, वह पिछले कई सालों के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर पर है। निवेशकों के लिए यह एक शानदार साल रहा है क्योंकि सोने ने लगभग 35 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह रिटर्न पिछले कई वर्षों में किसी भी साल नहीं मिला था। हालांकि अप्रैल महीने में सोना एक लाख रुपये के स्तर को छूने के बाद से इसमें कुछ गिरावट देखी गई है। इस बीच विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सोने की कीमतों में और भी तेज गिरावट आ सकती है।
सोने की वर्तमान स्थिति
फिलहाल सोना 97 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है। भारतीय बुलियन मार्केट में 24 कैरेट सोने की कीमत 96,967 रुपये प्रति दस ग्राम पर स्थिर है। इसी तरह 22 कैरेट सोने की कीमत 88,817 रुपये प्रति दस ग्राम है। 22 अप्रैल को सोना एक लाख रुपये के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचने के बाद से इसमें उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में फिर से हल्की बढ़ोतरी देखी गई थी, लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि यह अस्थायी है।
विशेषज्ञों की भविष्यवाणी
बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दो महीनों में सोने की कीमतों में 12 से 15 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। यह गिरावट डॉलर के मुकाबले सोने की कीमतों में होगी। एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल सोना रिकॉर्ड हाई पर पहुंच चुका है और अब इसमें सुधार का समय आ गया है। इस गिरावट के दौरान निवेशकों के लिए सोना खरीदने का अच्छा मौका मिल सकता है। विशेषज्ञ सुझाते हैं कि इस समय का फायदा उठाकर पोर्टफोलियो में सोने की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
डॉलर इंडेक्स का प्रभाव
सोने की कीमतों पर डॉलर इंडेक्स का सीधा प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर इंडेक्स में स्थिरता आने की संभावना है। जब डॉलर मजबूत होता है तो सोने की कीमतें आमतौर पर कम हो जाती हैं क्योंकि सोना डॉलर में कारोबार होता है। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि डॉलर इंडेक्स स्थिर रहता है या मजबूत होता है तो सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। यह एक प्राकृतिक बाजारी प्रक्रिया है जो अंतर्राष्ट्रीय कमोडिटी मार्केट में देखी जाती है।
निवेश रणनीति की सलाह
विशेषज्ञ दुनियाभर के निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे अपने पोर्टफोलियो को मिश्रित बनाकर रखें। इसका मतलब यह है कि सोने की कीमतों में गिरावट के बावजूद भी निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोने की एक निश्चित मात्रा जरूर रखनी चाहिए। यह रणनीति इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भविष्य में सोने की कीमतों में फिर से तेजी आने पर अच्छा मुनाफा बुक किया जा सकता है। शॉर्ट टर्म में भले ही गिरावट हो, लेकिन मिड और लॉन्ग टर्म में सोने की संभावनाएं अभी भी बेहतर मानी जा रही हैं।
एमसीएक्स पर सोने की स्थिति
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमत 97,805 रुपये प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रही थी। हाल ही के दिनों में सोने की कीमतों में 150 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही चांदी की कीमतों में भी 80 रुपये की कमी आई है। चांदी की कीमत एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर चुकी थी, लेकिन अब इसमें भी सुधार दिख रहा है। यह दर्शाता है कि कीमती धातुओं के बाजार में एक साथ सुधार का दौर शुरू हो गया है।
बाजार की चुनौतियां और अवसर
सोने की कीमतों में आने वाली गिरावट निवेशकों के लिए एक दोधारी तलवार की तरह है। जिन लोगों ने पहले से सोना खरीदा है, उनके लिए यह नुकसान का कारण बन सकती है। लेकिन जो लोग सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी है और लंबी अवधि में सोना एक बेहतर निवेश विकल्प बना रहेगा। इसलिए धैर्य रखकर सही समय का इंतजार करना जरूरी है।
त्योहारी सीजन का प्रभाव
भारत में त्योहारी सीजन में सोने की मांग बढ़ जाती है। दिवाली और अन्य त्योहारों के दौरान सोने की खरीदारी में तेजी देखी जाती है। अगर सोने की कीमतों में अपेक्षित गिरावट आती है तो त्योहारी सीजन में खरीदारी और भी बढ़ सकती है। यह स्थिति बाजार में एक संतुलन बनाने में मदद कर सकती है। खासकर भारतीय बाजार में जहां सोना सिर्फ निवेश नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतिष्ठा का भी प्रतीक माना जाता है।
सोने की कीमतों में आने वाली संभावित गिरावट बाजार की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। रिकॉर्ड तेजी के बाद सुधार होना सामान्य बात है। निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए। सही रणनीति और धैर्य के साथ सोने में निवेश अभी भी एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है। हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव का जोखिम हमेशा बना रहता है, इसलिए निवेश से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करना जरूरी है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। सोने या किसी भी कमोडिटी में निवेश से पहले विशेषज्ञों से सलाह लें। बाजार में जोखिम हमेशा बना रहता है और कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है। निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें।