Gold Rate: इस वर्ष सोने के दामों में लगातार उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है, जिससे निवेशकों और खरीदारों के मन में चिंता बनी हुई है। वर्ष की शुरुआत में सोने की कीमत लगभग 76 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अप्रैल माह में एक लाख रुपये को पार कर गई थी। 22 अप्रैल को सर्राफा बाजार में सोने के दाम जीएसटी सहित एक लाख रुपये को पार कर गए और जीएसटी के बिना 99,100 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गए। हाल ही में दो जून को बढ़ौतरी के बाद फिर से सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई है। फिलहाल सोना एक सीमित रेंज में कारोबार कर रहा है और वह तेजी जो साल की शुरुआत में दिखी थी, अब वैसी स्थिति नहीं है।
वर्तमान में सोने की कीमतें
सोने के दामों में फिलहाल स्थिरता जैसी स्थिति आई हुई है, जहां 24 कैरेट सोने के दाम 98,000 रुपये और 22 कैरेट सोने के दाम 89,600 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किए गए हैं। दिल्ली में 22 कैरेट सोने के दाम 89,650 रुपये और 24 कैरेट सोने के दाम 97,790 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं। मुंबई में 22 कैरेट सोने के दाम 89,500 रुपये और 24 कैरेट सोने के दाम 97,640 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किए गए हैं। यह कीमतें अलग-अलग शहरों में थोड़ी भिन्नता दिखा रही हैं, लेकिन समग्र रूप से स्थिर बनी हुई हैं।
सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण
सोने की मांग में वृद्धि का मुख्य कारण निवेश के लिए बढ़ी हुई दिलचस्पी है, जिसकी वजह से सोने की कीमतों में इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार राजनीतिक तनाव के चलते लोगों ने सोने को सुरक्षित निवेश का साधन माना है, इसी कारण सोने के दाम बढ़ते जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशक सुरक्षित विकल्पों की तलाश में हैं। डॉलर इंडेक्स का 99.44 के स्तर पर रहना भी बुलियन को समर्थन प्रदान कर रहा है। अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़ों ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया है।
सोने और चांदी के सपोर्ट लेवल
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार सोने के सपोर्ट लेवल 95,000-94,600 रुपये और 95,800-96,160 रुपये के बीच बन सकते हैं। चांदी का सपोर्ट लेवल 97,100-96,600 रुपये प्रति किलो नीचे के स्तर पर और 98,300-99,100 रुपये के बीच ऊपर के स्तर पर बना रह सकता है। निवेशकों को 97,200-96,800 रुपये के आसपास चांदी खरीदने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों ने चांदी के लिए 98,400 रुपये का टारगेट और 96,400 रुपये का स्टॉपलॉस सुझाया है।
अंतर्राष्ट्रीय कारकों का प्रभाव
सोने की कीमतों पर अमेरिकी नीतियों का गहरा प्रभाव पड़ रहा है, जहां फेडरल कोर्ट द्वारा टैरिफ प्लान को रोकने से सोने-चांदी में तेज उतार-चढ़ाव आया है। हालांकि, अब कीमतें फिर से संभल गई हैं और स्थिर हो रही हैं। वैश्विक आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति की दर और केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियां सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं। यूरोपीय और एशियाई बाजारों की स्थिति भी भारतीय सोना बाजार पर अपना प्रभाव डालती है।
अगले 90 दिनों में कीमतों की संभावना
विशेषज्ञों के अनुसार निकट भविष्य में सोना अपनी रफ्तार पकड़ सकता है और आने वाले 90 दिनों में सोने के दाम एक लाख रुपये को फिर से पार कर सकते हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि सोने के दाम एक लाख तीन हजार रुपये तक पहुंच सकते हैं। यह बढ़ोतरी वैश्विक आर्थिक स्थिति, भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति की दर पर निर्भर करेगी। हालांकि, इन अनुमानों में अनिश्चितता का तत्व भी शामिल है क्योंकि बाजार में कई बाहरी कारक प्रभावी होते हैं।
वर्ष के अंत तक की स्थिति
इस वर्ष के अंत तक दस ग्राम सोने के दाम एक लाख दस हजार रुपये तक पहुंच सकते हैं। Angel One के अनुमान के अनुसार सोने की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी संभावित है। कंपनी का सुझाव है कि निवेशक 85,000 रुपये के आसपास सोना खरीदकर लंबे समय के लिए रखें। यह रणनीति दीर्घकालीन निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकती है, बशर्ते कि वे बाजार की अस्थिरता को सहन करने की क्षमता रखते हों। सोने में निवेश को विविधीकरण की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए।
निवेश की सलाह और भविष्य की रणनीति
विशेषज्ञों ने सोने को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना है, खासकर वर्तमान आर्थिक अनिश्चितता के दौर में। हालांकि, निवेशकों को सावधानी बरतते हुए अपने पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए रखना चाहिए। सोने में निवेश करते समय बाजार की गतिविधियों पर नजर रखना और विशेषज्ञों की सलाह लेना आवश्यक है। छोटे निवेशकों को SIP के माध्यम से सोने में निवेश करने की सलाह दी जाती है, जिससे कीमतों के उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो सके। भविष्य में सोने की मांग में वृद्धि और सीमित आपूर्ति के कारण कीमतों में स्थिरता या वृद्धि की संभावना है।
सोने के दामों में आने वाला उतार-चढ़ाव वैश्विक और स्थानीय आर्थिक कारकों का परिणाम है। वर्तमान में सोना एक सीमित रेंज में कारोबार कर रहा है, लेकिन दीर्घकालीन दृष्टिकोण से इसकी कीमतों में वृद्धि की संभावना है। निवेशकों को सोने को अपने निवेश पोर्टफोलियो का एक हिस्सा मानकर संयमित तरीके से निवेश करना चाहिए। बाजार की स्थिति को समझते हुए और विशेषज्ञों की सलाह के साथ निवेश की रणनीति बनाना महत्वपूर्ण है।
Disclaimer
यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध बाजार की जानकारी और विशेषज्ञों के विचारों पर आधारित है। हालांकि हमने सटीकता सुनिश्चित करने का प्रयास किया है, फिर भी बाजार की वास्तविक स्थिति भिन्न हो सकती है। कृपया कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।